डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (DFCCIL)
, भारतीय रेलवे मंत्रालय के अधीन एक सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम है। इसकी स्थापना भारतीय रेलवे के माल परिवहन नेटवर्क को आधुनिक और कुशल बनाने के उद्देश्य से की गई थी।
🏢 DFCCIL का गठन और उद्देश्य
स्थापना वर्ष: 2006
मुख्यालय: नई दिल्ली, भारत
मूल उद्देश्य: माल परिवहन के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए रेल मार्गों का निर्माण, संचालन और रखरखाव करना।
🚄 डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (DFC) परियोजनाएँ
DFCCIL प्रमुख रूप से दो मुख्य डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर परियोजनाओं पर कार्य कर रहा है:
1. पूर्वी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (Eastern DFC):
लंबाई: 1,839 किमी
मार्ग: लुधियाना (पंजाब) से दानकुनी (पश्चिम बंगाल) तक
स्थिति: पूर्ण रूप से परिचालन में
उद्देश्य: उत्तर और पूर्वी भारत के औद्योगिक क्षेत्रों को जोड़ना।
2. पश्चिमी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (Western DFC):
लंबाई: 1,506 किमी
मार्ग: दादरी (उत्तर प्रदेश) से जवाहरलाल नेहरू पोर्ट (नवी मुंबई, महाराष्ट्र) तक
स्थिति: निर्माणाधीन; दिसंबर 2025 तक पूर्ण होने की संभावना
उद्देश्य: पश्चिमी भारत के औद्योगिक क्षेत्रों और बंदरगाहों को जोड़ना।
⚙️ DFCCIL की प्रमुख भूमिकाएँ
योजना और विकास: माल परिवहन के लिए आवश्यक रेल नेटवर्क की योजना बनाना और उसका विकास करना।
वित्तीय संसाधनों का प्रबंधन: परियोजनाओं के लिए आवश्यक वित्तीय संसाधनों की व्यवस्था करना।
निर्माण और रखरखाव: रेल मार्गों का निर्माण और उनका नियमित रखरखाव करना।
संचालन: माल गाड़ियों का संचालन और उनकी निगरानी करना।
📈 DFCCIL की उपलब्धियाँ
माल परिवहन में वृद्धि: 2024 में, डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का उपयोग करने वाली ट्रेनों की औसत संख्या 241 प्रति दिन रही।
निजी टर्मिनल का उद्घाटन: गुजरात के सूरत के पास 'गति शक्ति कार्गो टर्मिनल' का उद्घाटन किया गया, जो DFCCIL द्वारा विकसित किया गया पहला निजी माल टर्मिनल है।
उच्चतम तकनीकी मानक: DFCCIL द्वारा निर्मित रेल मार्ग उच्चतम तकनीकी मानकों के अनुसार डिज़ाइन किए गए हैं, जिससे माल परिवहन की गति और क्षमता में वृद्धि हुई है।
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