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शनिवार, 2 सितंबर 2017

हमारा पर्यावरण vs प्लास्टिक {Our environment vs Plastic}

         हमारा पर्यावरण vs प्लास्टिक

हमारे दवारा इस्तेमाल किया हुआ,प्लास्टिक हजारो सालो तक नष्ठ नही होताहै, जिस वजह से यह एक परमाणु बम से भी जयादा घातक है।

प्लास्टिक कचरा

                  दुनिया में सबसे सस्ता व् सुविधाजनक समझे जाने वाला प्लास्टिक आज दुनिया का सबसे बड़ा खतरा बनके उभरा है,
          क्योकि दुनिया में हर साल 300 मिलियन टन प्लास्टिक का उत्पादन होता है,जिसमे से 88 लाख टन प्लास्टिक का कचरा हर साल समुद्र में फेका जा रहा है, आज जिस रफ़्तार से समुद्र में पड़े कचरे को साफ़ किया जा रहा है,इससे इस कचरे को साफ़ होने में 80हजार साल लगेंगे।

               प्लास्टिक से होने वाली बीमारियो पर हर साल अमेरिका 340 अरब डॉलर खर्च करता है।
                                      एक किये गए सर्वे के अनुसार दुनिया के 20 सबसे प्रदूषित शहरो में आधे हमारे है, इसमें से-^-ग्वालियर दूसरे पर,इल्लाहबद तीसरे पर, पटना छठे पर, रायपुर सातवे पर, दिल्ली ग्याहरवें पर, लुधियाना बाहरवें पर,कानपूर पंद्रहरवे ,खन्ना 16 वे,फीरोजाबाद 17 वे,लखनऊ 18 वे पर है।


प्लास्टिक के बारे कुछ तथ्य-
    
(1)आज हमारे जीवन में दूध से लेकर दवा तक की बोतल हर कुछ प्लास्टिक से बना है,
           दुनिया में हर साल 500 अरब प्लास्टिक बेग इस्तेमाल होते है,इतने जयादा है की हर मिनट्स 10 लाख से जयादा बेग इस्तेमाल कर फेक दिए जाते हैं।
    प्लास्टिक से कचरे फेलाने के मामले में भारत टॉप 20 देशो में है,हर साल 88लाख टन प्लास्टिक समुद्र में फेकी जाती है।
    जिसमे से भारत में रोजाना 15342 टन कचरा होता है,जो की 9205 टन ही इकठ्ठा करते है बाकि 6137 टन इधर उधर फेला रहता है।

(2)भारत में प्लास्टिक कानून

    2016 में केंद्र सरकार ने प्लास्टिक की मोटाई 40 से बढ़ाकर 50 माइक्रोन कर दी।
              पंजाब,mp, जम्मू कश्मीर,दिल्ली,कर्नाटक,up, उत्तराखंड,महाराष्ट्र,राजस्थान, गोआ,हिमाचल परदेश व् पश्चिम बंगाल में प्लाटिक थैलियो पर रोक है।
     भारत में सबसे जयादा प्लास्टिक कचरा ,महाराष्ट्र(469098टन),गुजरात(269295टन),व तमिलनाडु(150323टन) में होता है।

(3)प्लास्टिक कटलरी सबसे घातक

       कटलरी पर दिल्ली के अलावा कहि पर रोक नही है।

जमींन-प्लास्टिक नष्ठ नही होता,यह 50 माइक्रोन से पतला होने पर टूटकर जमीन में जाने पर भूग्रभ जल को विषेला बनाता है।

हवा-प्लास्टिक को जलाने पर यह हवा को जहृरीली बनती है।

पानी-प्लास्टिक के कारन हर साल 1लाख समुद्री जीव मर रहे है,इससे 1200 समुद्री जीवो की प्रजातीय खतरे में है। भारत में सबसे प्रदूषित तट मुम्बई,केरल,अंडमान के है




(4)प्लास्टिक ने समुद्र को डंपिंग यार्ड बना दिया-
                  ----हर साल 1 ख़रब प्लास्टिक बेग बनते है, जिन्हें वापस पूरी तरह नष्ठ होने में 1000 साल लगते है,हर साल हम 35 लाख टन प्लास्टिक थेलिया फेक देते है।

--------प्लास्टिक थैलियों से हर साल 1 लाख समुद्री जिव प्रदूषण की वजह से मरत्व है,इन थैलियों को बनाने में"4.3 बिलियन" गैलन क्रूड आयल हर साल इस्तेमाल होता है, आज समुद्र में 46000 प्लास्टिक बेग एक वर्ग मिल के दायरे में मिलते है।




(5)प्लास्टिक की मानकता के प्रकार



      कोनसी प्लास्टिक कैसी है

१-pet/pete-

          यह प्लाटिक दोबारा इस्तेमाल क्र सकते है,इससे पानी,तेल की बोतल बनती है। यह"औसत" ख़तरनाक है।

२-hdpe

       इस्का केवल सिमित इस्तेमाल है,इससे पानी जग,बेग,शेम्पु बोट्टेल,खिलोने इससे बनते है,यह कम खतरनाक है।

३-ldpe-

     इसे रिसाइकिल कर सकते है,इससे  ग्रोसरी,बैग्स,गार्बेज बैग्स,बनते है। यह कम खतरनाक है।

४-pp poli-

   इसे रीसायकल क्र इस्तेमाल कर सक्ते है, इससे फ़ूड कंटेनर्स,सिरप की बोट्टेल बनती है।.

५-pvc-

      इसका इस्तेमाल दुबारा करने से बचना चाहिए, इससे गद्दे का कवर,कंटेनर्स बनते है, यह खतरनाक है।

६-ps-

  इसका इस्तेमाल दुबारा नही कर सकते,इससे कटलरी,मीट ट्रे,कप इसी से बनते है। यह बहुत खतरनाक है।



भारत में बोट्टेल बन्द पानी का मार्किट 160 अरब रुपये का है, एक टन प्लास्टिक रीसायकल करने पर 685 टन ऑइल,5774 किलो वाट बिजली,व 30 क्यूबिक यार्ड जगह कचरगह बनने से बचेगी।


प्रकृति(Nature)----

                        दुनिया में कुदरत ने हमे 3 ख़रब पेड़ दिए है,जिसके आधार पर प्रति व्यक्ति पेड़ 422 है।
परंतु सबसे जयादा प्रति व्यक्ति पेड़ कनाडा के पास 8953 प्रति व्यक्ति है,जबकि सबसे कम मिस्र के पास प्रति व्यक्ति  1 पेड़ है।


फ़िनलैंड में प्रति वर्ग किलोमीटर में 72000 पेड़ है,जो विश्व में सबसे जयादा है,इस कारन फ़िनलैंड साफ हवा के मामले में 3rd नंबर पर है।

 मानव सभ्यता बडने के बाद 46% पेड़ घट चुके है,हर साल मानवो दवारा 73 लाख हेक्टयर जंगल साफ़ क्र दिया जाता है, जितनी देर में हमने यह वाकया पडॉ उतनी देर में तो 3 हेक्टयर जंगल साफ़ हो चूका है,
       हर साल हम लोग 40 अरब टन कार्बोन छोड़ रहे है,जो सबसे जयादा अमेरिका का है।
          अपने फायदे के लिए हम 70% कचरा समुद्र में बहा देते है।
   
40 सालो में जानवर आधे हो गए है।


हाथी(Elephant)-

       आज दुनिया में 12 साल में 60% हाथी घट चुके है, दुनियाभर में अब केवल 1लाख हाथी बचे हुए है।
  
कछुए(Tortoise)-

              20 साल में कछुए 95% घटे है, अब दुनिया में केवल 10000 मादा कछुए बचे है।



डोलफ़िन(dolphin)  

          दुनिया में 30 साल में 75% डोलपिन घटी है,हेक्टरोस प्रजाति की केवल 7400 डॉलफिन बची हुई है।


घरेलु गोरिया(House Sparrow)

                                     दुनिया में ये 60% तक 

घट गयी है,कई देशो में ये विलुप्ति की कगार पर है।


 शेर(Lion)

दुनिया में केवल अब 17000 शेर बचे हुए है। भारत में 2010 की तुलना में शेरो की संख्या में 27%वर्दी हुयी है।
                    
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