राजस्थान का प्रथम थर्मल पावर प्लांट
कोटा - 1983
राजस्थान का प्रथम सुपर थर्मल पावर प्लांट -सूरतगढ़ - 2002
राजस्थान का प्रथम सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर प्लांट - छबड़ा (बारां) -2019
सर्वाधिक तापीय ऊर्जा उत्पादन क्षमता वाला संयंत्र - सूरतगढ़ थर्मल पावर प्लांट (2820MW)
सर्वाधिक इकाइयों वाला संयंत्र - सूरतगढ़ थर्मल पावर प्लांट (8 units)
सर्वाधिक थर्मल पावर प्लांट - कोटा संभाग में
Note: छबड़ा, कालीसिंध, सूरतगढ़ सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर प्लांट हैं
जबकि कोटा सुपर थर्मल पावर प्लांट है।
प्रधानमंत्री कुसुम योजना
-अनुदान क्रमशः केंद्र, राज्य, बैंक और किसान - 30:30:30:10
-प्रदेश का पहला पंप भालोजी, जयपुर में किया गया था
-सोलर पम्प स्थापित करने में देशभर में टॉप पोजिशन पर राजस्थान है
-SC ST को दिया जा रहा अनुदान ₹45000 का
-3, 5 और 7.5 हॉर्स पॉवर के सौर पंप संयंत्र किए जा रहे है
राजस्थान में विद्रोह का क्रम क्रांति की तिथि स्थान
-28 मई, 1857 नसीराबाद में विद्रोह
-31 मई, 1857 भरतपुर राज्य में विद्रोह
-3 जून, 1857 नीमच में विद्रोह
-10 जून, 1857 देवली छावनी में विद्रोह
-14 जून, 1857 टोंक राज्य में विद्रोह
-11 जुलाई, 1857 अलवर राज्य में विद्रोह
-9 अगस्त, 1857 अजमेर के केंद्रीय कारागार में विद्रोह
-21 अगस्त, 1857 एरिनपुरा के सैनिकों का विद्रोह
-23 अगस्त, 1857 जोधपुरा लीजियन में विद्रोह
-8 सितम्बर, 1857 बिटौड़ा / बिथोड़ा का युद्ध
-18 सितम्बर 1857 चेलावास का युद्ध
-27 अक्टूबर, 1857 धौलपुर राज्य में विद्रोह
-15 अक्टूबर, 1857कोटा में विद्रोह
राजस्थान के प्रमुख पशु प्रजनन केंद्र
1. केन्द्रीय भेड़ प्रजनन केन्द्र - अविकानगर, टोंक
2. केन्द्रीय बकरी अनुसंधान केन्द्र - अविकानगर,टोंक
3. बकरी विकास एवं चारा उत्पादन केन्द्र - रामसर, अजमेर
4. केन्द्रीय ऊंट प्रजनन केन्द्र - जोहड़बीड़, बीकानेर(1984 में)
5. भैंस प्रजनन केन्द्र - वल्लभनगर, उदयपुर
6. केन्द्रीय अश्व प्रजनन केन्द्र -विलड़ा - जोधपुर,जोहड़बिड़ - बीकानेर
7. सुअर फार्म - अलवर
8. पोल्ट्री फार्म - जयपुर
9. कुक्कड़ शाला - अजमेर
10. गाय भैंस का कृत्रिम गर्भाधारण केन्द्र(फ्रोजन सिमन बैंक)-बस्सी, जयपुर,मण्डौर, जोधपुर
11. राज्य भेड़ प्रजनन केन्द्र - चित्तौड़गढ़, जयपुर, फतेहपुर(सीकर), बांकलिया(नागौर)
12. राज्य गौवंश प्रजनन केन्द्र - बस्सी(जयपुर), कुम्हेर(भरतपुर), डग(झालावाड़), नोहर(हनुमानगढ़), चांदन(जैसलमेर), नागौर।
राजस्थान के चितेरो
▪कैनवास का चितेरा - नाथूलाल वर्मा ( जयपुर)
▪ कैनवास की चितेरी - प्रतिभा पांडे (धौलपुर)
▪भीलों का चितेरा - गोवर्धन लाल बाबा
▪भैंसों का चितेरा - परमानंद चोयल
▪पत्थरों का चितेरा - अर्जुन प्रजापति
▪अर्मूत शैली का चितेरा - बी आर गौतम
▪श्वासों का चितेरा - जगन्नाथ माथोड़िया
▪नीड़ का चितेरा - सौभाग्यमल गहलोत
▪जैन शैली का चितेरा - कैलाशचंद शर्मा
▪परम्परा का मौलिक चितेरा - कन्हैयालाल वर्मा
▪गांवों का चितेरा - भूरसिंह शेखावत
▪बाघों का चितेरा - सचिन टांक
▪मूर्त और अमूर्त का चितेरा - सुनील हल्दिया
▪चंदन का चितेरा - पवन जांगिड़
राजस्थान के प्रमुख जातीय मेले
▪मीणा का सबसे बड़ा मेला -रामेश्वर धाम (सवाई माधोपुर)
▪रामेश्वर में चम्बल, बनास, सीप का त्रिवेणी संगम
▪इस स्थान को मीणा प्रयाग के नाम से जाना जाता है
▪सहारिया जनजाति का सबसे बड़ा मेला सीताबाडी मेला बारां में लगता है
▪यह मेला ज्येष्ठ माह की अमावस्या को लगता है
▪गरासिया जनजाति का सबसे बडा मेला सियावा का मेला या मनखा रो मेलो सियावा (सिरोही) में लगता है
▪यह मेला बैशाख शुक्ल चतुर्थी को लगता है
▪डामोर जनजाति का सबसे बडा मेला ग्यारसी की रेवाडी का मेला डूंगरपुर में लगता है
▪डामोर जनजाति का एक अन्य महत्वपूर्ण मेला झेला बावसी मेला गुजरात के पंचमहल जिले में लगता है
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