MATERNITY ACT 1961
यह कानून मातृत्व अवकाश पाने वाली कर्मचारी महिलाओ के लिए भारत सरकार द्वारा एक एक्ट 1961 में पारित कर बनाया गया
इस कानून के कुछ प्रावधान-
1. जब कोई किसी आफिस में कार्यरत महिला माँ बनती हैं तो उसके पहले दो बच्चे होने पर उसे आफिस से 26 हफ़्तों का मातृत्व अवकाश मिलेगा.
2.किसी आफिस में कार्यरत महिला के तीसरा बच्चा होता है या कोई महिला किसी बच्चे को अडॉप्ट करती है , उसे 12 हफ़्तों का मातृत्व अवकाश मिलेगा लेकिन अडॉप्ट किये बच्चे की आयु 3 महीने से कम होनी चाहिए.
3.वह सभी आफिस जहाँ महिला कर्मचारी कार्य करती है, वहां पे क्रेच(स्तनपान कमरा) सुविधा होनी चाहिए या उस आफिस से 500 मीटर के दायरे में क्रेच सुविधा होनी चाहिए.
4.छोटे शिशु वाली महिला कर्मचारी होने पर उस महिला कर्मचारी को कार्य के समय में 4 बार क्रेच में जाने की छूट होगी तथा यह छूट में आफिस के लंच का समय शामिल नही किया जावेगा.
5.यह सब सुविधा वह होगी जहा पे 50 कर्मचारी कार्यरत है.
6.यदि किसी महिला कर्मचारी के प्रेग्नेंसी के समय बच्चा गिर जाता है यानी मिसकैरेज हो जाता है तो उस महिला को भी 6 हफ़्तों का अवकाश मिलेगा.
7.किसी महिला या पुरुष के नसबन्दी करने पर उसे आफिस से 2 हफ़्तों का अवकाश मिलेगा.
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