एक सीमित जगह पे बोली जानी वाली भाषा को स्थानीय रूप में 'बोली' कहते है। जिसे उपभाषा भी कहते है।
कहा जाता है कि "कोस कोस पे पानी बदले, पांच कोस पर बानी"
हिंदी की बोलिया--
1 पूर्वी हिंदी-- अवधी, बघेली, छत्तीसगढ़ी
2 पश्चिमी हिंदी-- खड़ी बोली, बज्र, हरियाणवी, बुन्देली, कन्नौजी
3 बिहारी-- मगही, मैथिलि, भोजपुरी
4 राजस्थानी-- मेवाड़ी,मेवाती,मारवाड़ी,
हाडौती, मालवी,ढूढ़ाडी,बागड़ी,
शेखावटी,
5 पहाड़ी-- गढ़वाली, कुमाउनी, मंडियाली
---◆ हिंदी भाषा की लिपि 'देवनागरी' है।
साथ ही में'संस्कृत,मराठी,कोकणी,नेपाली' भाषा की लिपि भी यही है।
◆स्वर-- अ, आ, इ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ,
●मात्राए-- अ की कोई भी मात्रा नही होती,
● अनुस्वार-- अंं(ं)
●विसर्ग-- अ:
◆ व्यंजन -- क,ख,ग,घ,च,छ, ज,झ,ट,ठ,ड,ड़, ढ,त, थ,द, ध, न,प,फ,ब,भ,म,य,र,
ल,व्,श,स,ष, ह।
●संयुक्त व्यजंन-- क्ष, त्र,ज्ञ, श्र
◆स्वर के भेद--
1.हस्व स्वर--जिन स्वरों के उच्चारण में कम
समय लगता है।
जैसे-अ, इ,उ,ऋ
2.दीर्घ स्वर--जिन स्वरों के उच्चारण में
ज्यादा समय लगता है।
जैसे-आ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ,औ
◆व्यंजन वर्गीकरण-
1.उच्चारण के आधार पे--
व्यजंन उच्चारण स्थान ध्वनि
●अ, आ, क, ख, -- कंठ -- कंठय
ग,घ, ङ,ह
●इ,ई, च, छ, ज, झ, -- तालूू -- तालव्य्
ञ,य,श
●ट,ठ, ड,ढ, ण, ड़। -- मुर्द्वा --- मुर्द्धन्य
ढं, ऋ,ष,र
●त, थ, द, ध, न,ल,स -- दाँत --- दन्त्य
●प,फ,ब, भ,म,उ,ऊ -- ओष्ठ --- ओष्ठय
2.अंतःस्थ व्यंजन-- य,र,ल,व
3. उष्म व्यंजन --- श,ष, स,ह
4. नाशिकय व्यंजन--- ञ,ङ, ण, न,म,
◆सयुक्ताक्षर--
क्ष---- क् + ष् + अ
त्र ----- त् + र् + अ
ज्ञ---- ज् + ञ् + अ
श्र---- श् + र् + अ
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